कश्मीर घाटी में बहने वाली बरंगी नदी आजकल हर एक की दिलचस्पी का केंद्र बनी हुई है दरअसल बीते दिनों बंदेरी गांव इलाके से गुजरने वाली बरंगी नदी में एक सिंक होल गड्ढा हो गया है। और नदी का सारा पानी इसी सिंक होल में गिरने लगा है अभी तक पानी को सिंक होल में जाने से रोकने में प्रशासन को कोई सफलता नहीं मिली है।
बरंगी नदी का पानी झेलम दरिया के साथ जाकर मिलता है। झेलम दरिया के पानी के लिए यह एक बड़ा जल स्रोत है। बरंगी नदी दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले से आती है। इस नदी के बीच में जो सिंक होल बना है उसकी लंबाई और चौड़ाई लगभग 12 फीट है। गहराई का पता लगाने के लिए एक 200 फ़ीट रस्सी (धागे) को सिंक होल में डाला गया फिर भी गहराई का पता नहीं चल सका। अर्थात गहराई 200 फीट से अधिक है। स्थानीय लोगों के मुताबिक सिंक होल में पानी का तेज शोर 200 मीटर दूर तक सुना जा सकता है।
लोगों का यह भी कहना है कि 25 साल पहले इसी तरह का एक सिंक होल बना था और उसको बाद में रेत और मिट्टी के थैलों से भरा गया था। और पानी दोबारा अपनी दिशा में बहने लगा था। बंदेरी गांव इलाके में सिंक होल में पानी जाने के कारण हजारों ट्राउट मछलियां अभी तक पानी न मिलने की वजह से मर चुकी हैं। अभी तक सिंक होल में पानी जाने से नहीं रोका जा सका है। अगर हालात इसी तरह बने रहे तो आने वाले दिनों में वहां के स्थानीय लोगों की मुश्किलें और अधिक बढ़ सकती हैं। जो इस बरंगी नदी के पानी पर निर्भर हैं।
प्रशासन ने लगाई धारा-144
प्रशासन का कहना है कि वह इस मामले पर काम कर रहे हैं और एक्सपर्ट की फाइनल रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि वह सिंक होल के नजदीक जाने से परहेज करें और किसी भी दुर्घटना के होने का मौका न दें। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि जो कोई भी कानून का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बरंगी नदी के आसपास प्रशासन ने धारा-144 लगा दी है।
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